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    Home»News & Articles»भारत के विश्व गुरु के लक्ष्य की ओर बढते कदम – वासुदेव कुटंबकम
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    भारत के विश्व गुरु के लक्ष्य की ओर बढते कदम – वासुदेव कुटंबकम

    Dr. Vijay Kumar BharteyaBy Dr. Vijay Kumar BharteyaMay 24, 2024Updated:May 24, 2024No Comments2 Mins Read
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    वर्ष 2014 के बाद से, भारत की जनता अपनी गुलामी की निशानियों को तेजी से तोड़ते हुए, इतिहास में नए गौरवपूर्ण स्तंभ स्थापित कर रही है और भारत को फिर से उसके स्वर्णिम युग की ओर अग्रसर कर रही है। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण इसका प्रमुख उदाहरण है, जहाँ 500 साल बाद श्रीराम लला अपने बालरूप में विराजमान हुए हैं।

    इसके अतिरिक्त, नए भव्य संसदीय भवन का गौरवपूर्ण निर्माण और शुभारंभ भी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत अब विश्व के सभी मंचों पर नेतृत्व और गौरवपूर्ण भागीदारी निभा रहा है। वैश्विक मंचों पर स्वदेशी भाषा और वेशभूषा का प्रचलन भी प्रारंभ हो चुका है।

    आर्थिक तंत्र में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। सरकारी PSU अब सफेद हाथी की छवि को मिटाकर, देश के लिए आय और लाभ के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, जैसे HAL, BHEL आदि। दशकों से एक ही AIIMS के साथ विभिन्न क्षेत्रों में अब कई AIIMS कार्यरत हो चुके हैं।

    उत्तर और दक्षिण, पूरब और पश्चिम को मिलाने वाले भव्य, सुंदर और सुदृढ़ अंतरराज्यीय राजमार्ग, कश्मीर से कन्याकुमारी तक सड़क और वायु मार्ग का विस्तार, ये सभी देश की बुनियादी संरचना को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। रक्षा, रेलवे, संचार में “India Make” और आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को लेकर कई नए कीर्तिमान स्थापित किए गए हैं। आयुर्वेद और अन्य स्वदेशी प्रणालियों का बढ़ता चलन भी देश की संस्कृति और परंपराओं को मजबूती दे रहा है।

    कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद वहाँ की जनता में प्रगति और विकास के पथ पर बढ़ने का एक नया उत्साह देखने को मिल रहा है। डिजिटल इंडिया के तहत पेमेंट प्रणाली में भी बड़े बदलाव आए हैं। फल-सब्जी विक्रेता से लेकर छोटे-बड़े कारोबारी और उद्योगों में लेन-देन का डिजिटल होना, समय की बचत और झंझट से छुटकारा दिला रहा है।

    आत्मनिर्भरता और जनता की हर क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी भारत को तेज गति से विकास की नई राह पर आगे बढ़ा रही है।

    जय हिंद!

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