Author: Vishvendra Singh

.. आँसुओं का काफिला कुछ घट सा गया मुझमें तेरे जाने से खुशियाँ सारी ले गयी इक छोटे से बहाने से क्यूँ साथ तेरा मेरा इतना कम रहा आँसुओं का काफिला न जाने क्यूँ न थम रहा कुछ अलग ही था तेरे साथ होने का एहसास ज्यों चकोर हो अपने चाँद के साथ तेरे बिन रातों में पलकों का आशियाना नम रहा आँसुओं का काफिला न जाने क्यूँ न थम रहा मुझे याद है जब तेरी ज़ुल्फें मेरे चेहरे पर बिखरती थीं वो लहरा कर न जाने क्या ब्यान करती थीं उसे न समझ पाने का…

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“ये मेरी कविता” भावनाओं से भरी, खुशियों के रंगों से सजी एक इश्क की कहानी है। यह कविता अनकहे लफ्जों, खट्टे-मीठे लम्हों, और हर जज्बात को पिरोए हुए एक अनमोल धरोहर है। ये मेरी कविता भावनाओं से भरी खुशियों के रंगो से सजी एक इश्क का नाम है ये मेरी कविता कुछ अनकहे से लफ्जों को कुछ खट्टे मीठे लम्हों को हर जज़्बात को पिरोए हुए है ये मेरी कविता कुछ ने फसाना समझा कुछ ने हकीकत जाना हर ज़बान से गुज़री है ये मेरी कविता हर मज़हब से परे किसी लकीर से न घिरे आज़ाद बादलों सी है ये…

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